KKN गुरुग्राम डेस्क | बिहार की राजधानी पटना के बिहटा थाना क्षेत्र के कन्हौली सरमेरा गोलंबर के पास सोमवार की देर शाम एक बेहद दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें तेज रफ्तार ट्रक ने एक बाइक को टक्कर मार दी। बाइक पर सवार 40 वर्षीय अरविंद कुमार और उनका 13 वर्षीय साला मोनू कुमार मौके पर ही दम तोड़ बैठे, जबकि अरविंद की पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
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यह हादसा तब हुआ जब अरविंद अपनी पत्नी और साले के साथ बाइक पर सवार होकर ससुराल जा रहे थे। हादसे के बाद घटनास्थल पर हड़कंप मच गया और परिवार में कोहराम मच गया।
कौन थे हादसे के शिकार?
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अरविंद कुमार, उम्र 40 वर्ष, निवासी पैनाठी, परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे।
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मोनू कुमार, उम्र 13 वर्ष, अरविंद के साले थे और पढ़ाई कर रहे थे।
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अरविंद की पत्नी, फिलहाल अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
ट्रक की तेज रफ्तार ने ली दो जानें
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ट्रक पटना से आरा की ओर भारी सामान लेकर जा रहा था और उसकी रफ्तार काफी तेज थी। बाइक को टक्कर मारने के बाद ट्रक बिना रुके मौके से फरार हो गया। पुलिस को सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रक को कुछ किलोमीटर दूर रोका गया और चालक को हिरासत में ले लिया गया।
हादसे की वजहें: तेज रफ्तार, लापरवाही और लचर ट्रैफिक व्यवस्था
इस हादसे ने एक बार फिर बिहार की सड़क सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह दुर्घटना तेज रफ्तार और लापरवाही का नतीजा है।
अक्सर देखी जाने वाली समस्याएं:
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ओवरलोडेड ट्रक और उनकी तेज रफ्तार
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हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस की कमी
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सड़क किनारे सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी
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टू-व्हीलर के लिए सुरक्षित लेन का न होना
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
अरविंद कुमार अपने परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य थे। उनकी असामयिक मृत्यु से पूरे परिवार की आर्थिक स्थिति डगमगा गई है। मृतकों के परिजनों ने राज्य सरकार से मुआवजे की मांग की है और ट्रक चालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों की मांग:
“हर महीने यहां हादसा होता है, प्रशासन सोया रहता है।” — स्थानीय निवासी राजकुमार सिंह
“यहां स्पीड ब्रेकर होना चाहिए और ट्रैफिक पुलिस की स्थायी तैनाती जरूरी है।” — ग्राम प्रधान विमला देवी
पुलिस की कार्रवाई: FIR दर्ज, चालक हिरासत में
बिहटा थाना प्रभारी ने पुष्टि की है कि ट्रक को जब्त कर लिया गया है और चालक से पूछताछ जारी है। मामले में धारा 279 (रैश ड्राइविंग), 304A (लापरवाही से मौत), और 134 मोटर वाहन अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की गई है।
यदि जांच में चालक की लापरवाही साबित होती है तो उसे 2 से 7 साल की सजा और लाइसेंस रद्द होने की संभावना है।
बिहार में सड़क हादसों की भयावह स्थिति
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, बिहार में साल 2023 में 6000 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें से अधिकतर मामलों में तेज रफ्तार और लापरवाही प्रमुख कारण रहे हैं।
पटना-आरा हाइवे को ‘ब्लैक स्पॉट‘ के रूप में चिन्हित किया गया है जहां हर महीने दर्जनों हादसे होते हैं।
भविष्य में हादसों से कैसे बचा जा सकता है?
विशेषज्ञों की राय:
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हाईवे पर स्पीड लिमिट का पालन अनिवार्य बनाना
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कमर्शियल वाहनों में स्पीड गवर्नर लगाना
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CCTV कैमरे और ट्रैफिक मॉनिटरिंग सिस्टम की तैनाती
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हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता पर सख्ती
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सड़क सुरक्षा पर स्थानीय जन जागरूकता अभियान
सरकार की भूमिका और मुआवजा नीति
बिहार सरकार की ओर से हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को मुख्यमंत्री आपदा राहत योजना के तहत ₹4 लाख तक का मुआवजा दिए जाने का प्रावधान है। हालांकि अभी तक इस मामले में आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
राज्य सरकार और जिला प्रशासन को चाहिए कि वे पीड़ित परिवारों की आर्थिक और मानसिक मदद करें और दोषी के खिलाफ त्वरित न्यायिक प्रक्रिया को अपनाएं।
पटना के बिहटा में हुए इस हादसे ने एक बार फिर दिखा दिया कि सड़कों पर जीवन कितना असुरक्षित हो चुका है। जब तक सरकार, प्रशासन और नागरिक समाज मिलकर सड़क सुरक्षा को लेकर सजग नहीं होंगे, तब तक ऐसी दुर्घटनाएं रोज होती रहेंगी।
अब जरूरत है सिर्फ संवेदना की नहीं, सजगता और सख्ती की, ताकि आगे किसी अरविंद या मोनू की जान इस लापरवाही की भेंट न चढ़े।
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